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Personal Loan में तेजी से बढ़ने पर चिंता: एक चिंताजनक मुद्दा

आरबीआई के क्रेडिट रिस्क वेट में बढ़ोतरी से बैंकों पर ज्यादा खास असर नहीं होगा लेकिन इसका असर ज्यादातर बॉरोवर पर होगा। जो लोग अपने पिछले खर्च को चुकाने के लिए पर्सनल लोन पर डिपेंड करते हैं उन पर भारी प्रेशर आएगा बैंकर्स के मुताबिक लेंडिंग रेट्स 50 से 100 बेसिस प्वाइंट तक बढ़ सकते हैं जिससे बैंकिंग सिस्टम में थोड़ा सा स्लो डाउन हो सकता है।

यह सबसे ज्यादा अन सिक्योर्ड क्रेडिट सेगमेंट में महसूस होगा कम से कम थोड़ा वक्त के लिए। जिन बॉर्रोवर्स का क्रेडिट स्कोर 750 के नीचे है उनको अब क्रेडिट मिलना मुश्किल हो सकता है क्योंकि बैंक्स अब अपने लैंडिंग क्राइटेरिया को कठोर बनाएंगे। इससे (delinquency) लेवल में भी इजाफा हो सकता है कम से कम कुछ समय के लिए।

हालांकि कुछ बैंक्स अच्छी तरह से केपीटलाइज्ड है और यह नुकसान को अपने ऊपर लेंगे शायद बॉर्रोवर्स पर इसका असर कम होगा। लेकिन प्राइसिंग एलिमेंट का भी एक हिस्सा है, जिससे कुछ रिस्क असेट्स को सही से प्राइस नहीं किया गया है। इसका मतलब है कि आने वाले समय में लेंडिंग रेट्स और भी बढ़ सकते हैं।

इससे पर्सनल लोन बॉर्रोवर को मुश्किल में डालने वाला है, लेकिन एक्सपर्ट्स के मुताबिक, बॉर्रोवर्स को अपने व्यवसायिक खर्च को काम करने और मौजूद कैश फ्लोज को मैनेज करने की जरूरत है ताकि वे अपने पिछले कर्ज को चुका सके।

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